काली हूँ मे अति काली - अपने प्रिये के बिरहे मे जली -by VAID BABA G
जय गुरुदेव
काली मिर्च सिर्फ रंग मे काली ओर कड़वी ही नही बल्कि ज़िंदगी मे रंग व मिठास भर देती हे जाने केसे
मे आज आप के सामने काली मिर्च की उपयोगता के बारे मे कुछ नयी बाते बताने जा रहा हु
,पोस्ट पूरी पढ़े ,यह कोई कॉपी पेस्ट नहीं हे .... शेयर जरूर करें
इसका मूल स्थान भारतबर्ष ही हे । भारत के दक्षिण के पश्चिम घाटो पर तथा मद्रास , त्रचनापल्ली ,मलाबार , कोकण आदि प्रांतो मे तथा पूरव मे आसाम , मे तथा दक्षिण पूर्व के सिंगापूर आदि प्रायद्वीपों मे प्रचुरता से होता हे ।
विशेष नोट -. काली मिर्च के दाने जो पानी मे डालने से नीचे बेठ जाए वही उपयोग करे।
काली मिर्च का सेवन शहद के साथ सेवन करने से वह अन्त्र मे इकठी होनी शुरू हो जाती हे । अत; बीच बीच मे जुलाब देते रहे
उपयोगता::: सबसे पहले
1. आमवात – काली मिर्च, बायविड़ंग,सोंफ , सेंधा नमक 1 माशे जल पीने योग गरम सेवन करे
2. स्त्रियों के रोग मे – काली मिर्च ,बच का चूरन 4-4 रत्ती मधु 3 माशे से चटावे ,ऊपर से खट्टा दही खिलावे सर्दी मे दहि कम मात्रा मे ले ओर 12 बजे से पहले ले
3. जुकाम – काली मिर्च 5 दाने ,अदरख 4 रत्ती , सेंधा नमक 2 रत्ती ,5 तुलसीपत्र , जल 5 तोला पका 2-3 तोला रहने पर पीने योग गरम पिलाना चाहिए अनुभूत हे
4. उदरशूल ,जुकाम – नींबू काटकर आग पर रखे । उस पर सेंधा नमक ओर काली मिर्च का चूरन 2-4 रत्ती बुरक कर पीने योग गरम होने पर चूस लें । इससे अरुचि दूर हो अग्नि तीब्र होती हे ।
5. दंतशुल ,शिरोशूल – पोस्ता के दाने 3 माशे , काली मिर्च एक माशे दोनों का क्वाथ कर मुखभरण [ गरारे ] करे ओर अर्धमात्रा मे पान भी करे
6. शिरोशूल – काली मिर्च , सोंठ , चन्दन , कपूर को पानी से मस्तक पर लेप करे या माखन मे मिला कर लगावे ।
7.हिक्का व सिर पीड़ा पर – इसका 1 दाने को सुई की नोक पर बांध कर जलाने से जो धुया निकले उसे नासिका से ऊपर को खिचने से हिक्का मे लाभ होता हे । यदि इतने से लाभ न हो तो निर्धूम कंडे की आंच पर इसके 10-20 दाने डालने ऊपर कोई सछिद्र ढक्कन रख कर नासिक द्वारा धूम्रपान करे । इससे सिर दर्द भी दूर हो जाएगा ।
8. रात्री के समय दूध मे पका कर दूध का सेवान करते रहने से शरीर मे रस धातु की वृद्धि होकर शेष सब धातु पुष्ट होते हे तथा शरीर का धारण पोषण ठीक प्रकार से होता हे ।
इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे। परमात्मा आप को लंबी सेहतमंद उम्र दे ,आपका जीवन सफल हो ,… जय गुरुदेव
आप वेध जी को शनिवार व रविवार को दिल्ली मे मिल सकते हे,हमको friend request न भेजे बल्कि
हमारे ग्रुप से जुड़ेhttps://www.facebook.com/groups/GuruKirpaAyurvedAshram/
वैध बाबा जी
गुरु कृपा आयुर्वेद आश्रम,नंगल रोड ,रोपड़ ,पंजाब
संपर्क सूत्र ;094171-66756,099153-35687
काली मिर्च सिर्फ रंग मे काली ओर कड़वी ही नही बल्कि ज़िंदगी मे रंग व मिठास भर देती हे जाने केसे
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विशेष नोट -. काली मिर्च के दाने जो पानी मे डालने से नीचे बेठ जाए वही उपयोग करे।
काली मिर्च का सेवन शहद के साथ सेवन करने से वह अन्त्र मे इकठी होनी शुरू हो जाती हे । अत; बीच बीच मे जुलाब देते रहे
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1. आमवात – काली मिर्च, बायविड़ंग,सोंफ , सेंधा नमक 1 माशे जल पीने योग गरम सेवन करे
2. स्त्रियों के रोग मे – काली मिर्च ,बच का चूरन 4-4 रत्ती मधु 3 माशे से चटावे ,ऊपर से खट्टा दही खिलावे सर्दी मे दहि कम मात्रा मे ले ओर 12 बजे से पहले ले
3. जुकाम – काली मिर्च 5 दाने ,अदरख 4 रत्ती , सेंधा नमक 2 रत्ती ,5 तुलसीपत्र , जल 5 तोला पका 2-3 तोला रहने पर पीने योग गरम पिलाना चाहिए अनुभूत हे
4. उदरशूल ,जुकाम – नींबू काटकर आग पर रखे । उस पर सेंधा नमक ओर काली मिर्च का चूरन 2-4 रत्ती बुरक कर पीने योग गरम होने पर चूस लें । इससे अरुचि दूर हो अग्नि तीब्र होती हे ।
5. दंतशुल ,शिरोशूल – पोस्ता के दाने 3 माशे , काली मिर्च एक माशे दोनों का क्वाथ कर मुखभरण [ गरारे ] करे ओर अर्धमात्रा मे पान भी करे
6. शिरोशूल – काली मिर्च , सोंठ , चन्दन , कपूर को पानी से मस्तक पर लेप करे या माखन मे मिला कर लगावे ।
7.हिक्का व सिर पीड़ा पर – इसका 1 दाने को सुई की नोक पर बांध कर जलाने से जो धुया निकले उसे नासिका से ऊपर को खिचने से हिक्का मे लाभ होता हे । यदि इतने से लाभ न हो तो निर्धूम कंडे की आंच पर इसके 10-20 दाने डालने ऊपर कोई सछिद्र ढक्कन रख कर नासिक द्वारा धूम्रपान करे । इससे सिर दर्द भी दूर हो जाएगा ।
8. रात्री के समय दूध मे पका कर दूध का सेवान करते रहने से शरीर मे रस धातु की वृद्धि होकर शेष सब धातु पुष्ट होते हे तथा शरीर का धारण पोषण ठीक प्रकार से होता हे ।
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